Monday, June 25, 2018

UPS और Inverter

UPS और Inverter

इन्वर्टर और UPS का इस्तेमाल बैकअप Power Supplies के रूप में किया जाता है.आज हम बिजली के उपकरणों पर पूरी तरह से निर्भर हैं जैसे की लाइट फ्रिज पंखे इत्यादि इनके बिना शायद हम 1 दिन भी नहीं रहते हर रोज किसी न किसी प्रकार के इलेक्ट्रिक उपकरण का इस्तेमाल हम करते हैं. इन सभी उपकरणों को चलाने के लिए हमें बिजली की आवश्यकता होती है और यह बिजली हम पावर प्लांट से लेते हैं लेकिन पावर प्लांट से आने वाली बिजली हमें हर समय नहीं मिलती इसलिए हम जब पावर प्लांट की बिजली नहीं होती तब हमारी जरूरतों को पूरा करने के लिए हम इनवर्टर या UPS का इस्तेमाल करते हैं।
इनवर्टर का इस्तेमाल हम हमारे घर के हम सभी उपकरणों पर करते हैं जो कि AC सप्लाई से चलते हैं. लेकिन UPS का इस्तेमाल हम सिर्फ ऐसे उपकरण पर करते हैं जिन में किसी प्रकार का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल होता हो और जिसमें हमें अपने DATA का खराब होने का खतरा हो जैसे कि कंप्यूटर ,प्रिंटर ,स्कैनर इत्यादि. तो इस पोस्ट में हम आपको What Is UPS (Uninterruptible Power Supply)  In  Hindi ,Inverter  Kya Hai ,UPS Or Inverter Ke Bich Me Kya Antar Hai के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।

UPS Kya Hai

UPS का पूरा नाम Uninterruptible Power Supply है और इसका Meaning In Hindi “अबाधित विद्युत आपूर्ति” है.ऐसी सप्लाई जिसमें किसी भी प्रकार की कोई भी रुकावट नहीं हो.यूपीएस का इस्तेमाल करने के और भी कई कारण हैं जैसे कि अगर आपके घर में कम या ज्यादा वोल्टेज की सप्लाई आती है तो उसे कंट्रोल करने के लिए भी हम यूपीएस का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे कि हमारे उपकरण पर कोई भी गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

Inverter Kya Hai

इनवर्टर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो कि AC वोल्टेज को DC मे कनवर्ट करता है और इससे बैटरी को चार्ज करता है और फिर DC को AC मे कनवर्ट करता है जिससे कि हम अपने घर के उपकरण चला सकते हैं। यूपीएस में भी यही काम होता है। लेकिन इनके पावर सप्लाई देने का तरीका थोड़ा सा अलग होता है।

UPS VS Inverter

आप को सामान्यत हैं घरों में इनवर्टर देखने को मिलता है लेकिन यूपीएस आपको सिर्फ कंप्यूटर लाइव या फिर किसी पर्सनल कंप्यूटर पर ही देखने को मिलेगा इसलिए इन दोनों को अलग अलग जगह पर इस्तेमाल करने के कई कारण हैं जैसे कीBack Up ,Time Lag, Connection और कीमत इत्यादि नीचे आपको यह सभी को एक अलग अलग बताए गए हैं।

Back Up

इसका इस्तेमाल कंप्यूटर को कुछ समय तक चलाए रखने के लिए किया जाता है ताकि हम अपने डेटा को सेव कर सकें और अपने कंप्यूटर को बंद कर सके इसलिए यूपीएस का बैकअप 10 से 15 मिनट या उससे थोड़ा बहुत ज्यादा होता है
लेकिन इनवर्टर का इस्तेमाल हम यूपीएस के रूप में नहीं कर सकते इसीलिए इस पर हम बड़े उपकरण ज्यादा लंबे समय तक भी चला सकते हैं और यूपीएस के मुकाबले इनवर्टर पर ज्यादा बड़ी बैटरी का इस्तेमाल होता है जिससे कि हमें यूपीएस के मुकाबले कई गुना ज्यादा बैकअप मिल जाता है।

 Power Supply

यूपीएस में पहले AC को DC में बदला जाता है जिससे कि बैटरी को चार्ज किया जा सके और फिर बैटरी से ही DC को AC में बदला जाता है जिससे कि हम अपने उपकरण को चला सके तो इस प्रकार यूपीएस में हर समय बैटरी से ही पावर ली जाती है इसीलिए जब कोई भी पावर कट होता है या वोल्टेज कम या ज्यादा होती है तो इसकी आउटपुट पर किसी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
इनवर्टर में यूपीएस की तरह है AC सप्लाई को DC मैं बदला जाता है और इससे सिर्फ बैटरी को चार्ज किया जाता है जब तक आप की मेन सप्लाई ON रहती है तब तक आपके इनवर्टर की बैटरी चार्ज होती रहती है और आपका इनवर्टर MAIN को Bypass करके सीधा आउटपुट पर देता है. जिससे कि इनवर्टर का DC To AC कनवर्टर काम नहीं कर सकता. और जैसे ही आप के इनवर्टर की MAIN बंद होती है वह बैटरी से पावर लेता है और उसे DC To AC कन्वर्ट करता है इसीलिए जब आपके घर की पावर सप्लाई बंद होती है तो इन्वर्टर हल्का झटका देता है इसीलिए हम इसे कंप्यूटर पर इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि एक हल्का झटका ही हमारे कंप्यूटर को बंद कर सकता है और हमारी विंडो को करप्ट (Corrupt ) कर सकता है।

Time Lag तो जैसा कि ऊपर आपको बताया यूपीएस जब काम करता है तो वह बैटरी की पावर पर ही काम करता है. इसका मतलब जब यूपीएस की सप्लाई ऑन होगी या फिर वह होगी उससे यूपीएस के आउटपुट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा जिससे कि यूपीएस में किसी प्रकार का कोई भी Time Lag या समय अंतराल नहीं होता।

लेकिन इनवर्टर में लगभग 500 Milliseconds का समय अंतराल होता है. इसीलिए हमें जब मेन सप्लाई बंद होती है या शुरू होती है तो हमें पता चलता है कि कब मेन सप्लाई बंद हो गई और कब मेन सप्लाई शुरू हो गई ।

Use

यूपीएस का इस्तेमाल सीधे उपकरण के ऊपर किया जाता है किसी भी विशेष उपकरण को यूपीएस की जरूरत पड़ती है जैसे कि कंप्यूटर प्रिंटर या स्कैनर।
लेकिन इनवर्टर का इस्तेमाल हम पूरी घर के मेन सप्लाई के साथ में ही स्विच बोर्ड पर करते हैं।
कीमत वैसे तो यूपीएस आपको मार्केट में 1500 रुपए में मिल जाता है और इनवर्टर आप को कम से कम 8-10 हजार रुपए में मिलता है। लेकिन अगर आप इसके पावर बैकअप और रेटिंग की बात करेंगे तो इस मामले में UPS बहुत महंगा होता है। यूपीएस इसके Machinery Or Circuit के कारण महंगा होता है।

Voltage

यूपीएस में Automatic Voltage Regulation (AVR) का इस्तेमाल किया जाता है इसीलिए इसकी आउटपुट लगभग 220 Volts पर सेट की जाती है।
लेकिन इनवर्टर में आउटपुट इनपुट के ऊपर निर्भर करेगी जो कि लगभग 230 Volts के करीब होगी ।

Tuesday, June 19, 2018

Electrical based for power stations job, Interview based

        
        Electrical Topics Based

1. ट्रांसमिशन लाइन में पावर फैक्टर सुधारने के लिए प्रयुक्त उपकरण का ग्राही सिरा उपयुक्त होता है।
2. एक रासायनिक पदार्थ जिसका इस्तेमाल एक मैग्नेटिक टेप की परत चढ़ाने के लिए फेरिक ऑक्साइडकिया जाता है।
3. डीजल पावर प्लांट में 100 MW क्षमता की एक सिंगल यूनिट नहीं होती है।
4. इंडक्शन जनरेटर में एक विशेष पावर के लिए धारा तथा पावर फैक्टर कनेक्शन जरनेटर के पैरामीटर्स के पदो में व्यक्त किया जाता है।
5. हाइड्रोजन को कूलिंग का उपयोग केवल बड़े टर्बो अल्टरनेटर्स के लिए किया जाता है।
6. ट्रांसफार्मर के प्राइमरी वाइंडिंग में सप्लाई दी जाती है।
7. एक आदर्श संधारित की बिजली की खपत शून्यहोती है।
8. सबसे अच्छा चालक पदार्थ तांबा है।
9. एक थर्मल प्लांट की संपूर्ण थर्मल दक्षता लगभग 25% – 30% होती है।
10. ए.सी. की पूरी एक साइकिल बनने में जो समय लगता है उसे पीरियाडिक टाइम कहते हैं।
11. सर्किट ब्रेकर का मुख्य कार्य है इलेक्ट्रिक लाइन और प्लांट को बहुत जल्दी से सर्किट से कट ऑफ कर देना होता है।
12. सीरीज मोटर का प्रयोग ऐसे स्थान पर किया जाता है जहां हर समय लोड रहता है।
13. एक कार्बन माइक्रोफोन के कार्बन कणों का प्रतिरोध 100 से 200 ओम के क्रम होता है।
14. वोल्ट विद्युत वाहक बल की इकाई है।
15. हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट की स्थिर लागत सबसे अधिक होती है।
16. ज्वार तरंगों पर आधारित भारत का प्रथम प्लांट कच्छ की खाड़ी स्थान पर स्थापित होना संभावित है।
17. फ्यूज का तार सीसा तथा टीन से बना होता है।
18. वह धारा जो किसी निश्चित समय में अपने दिशा एवं मान परिवर्तित करती है उसे ए.सी. धारा कहते हैं।
19. न्यूक्लियर पावर प्लांट में प्रति मेगावाट स्थिर लागत अधिकतम है।
20. ए.सी.और आर.एम.एस. मान और औसतमान के अनुपात को फार्म फैक्टर कहते हैं।
21. डायमैग्नेटिक प्रदार्थ वे है जिनकी परमियांबिललिटी एक से कम होती है।
22. नाभिकीय रिएक्टर उस समय जेनरेशन प्रारंभ करता तब सेफ्टी रोड कोर से बाहर निकाली जाती है।
23. सार्वजनिक संबोधन प्रणाली में इस्तेमाल किए जाने वाले लाउडस्पीकर को एक हॉर्न लाउडस्पीकरकहां जाता है।
24. दाब युक्त जल रिएक्टर में हल्का जल तथा समृद्ध यूरेनियम प्रयुक्त किया जाता है।
25. एक कारट्रीज पिक अप में एक सिरेमिक क्रिस्टल और नीलमणि हुई है।
26. इंडक्शन जनरेटर धारीतीय लोड को सप्लाई करने के लिए अधिक उपयुक्त है।
27. मरकरी आर्क रेक्टिफायर का पावर फैक्टर ट्रांसफार्मर के द्वितीयक फेज पर निर्भर करता है।
28. विश्व का प्रथम नाभिकीय प्लांट सोवियत संघ में कमीशन किया गया।
29. हाइड्रोपावर प्लांट का प्रचलन मूल्य न्यूनतम है।
30. डीजल प्लांट का प्रचालन मूल्य सबसे अधिकहोता है।
31. अर्थ टेस्टर भूमि का प्रतिरोध जांचने के लिए प्रयोग में लिया जाता है।
32. पावर प्लांट में सामान्यतः सरफेस टाइप प्रकार का कंडेनसर प्रयुक्त किया जाता है।
33. बायलर में जल भाप के दाब से अधिक दाब पर सप्लाई किया जाता है।
34. एक गैंग संधारित का इंसुलेशन प्रतिरोध 100 ओम होता है।
35. मेगा ओम मीटर (मेगर)का मुख्य उपयोग दोषपूर्ण अवरोध का पता लगाना है।
36. ओम प्रतिरोध की इकाई है।
37. ट्रांसमिशन लाइन में यदि रिसीविंग सिरेपर लोड अचानक स्विच ऑफ कर दिया जाए तब फेज शिफ्ट बढ़ जायेगा।
38. यदि प्रकृति की यूरेनियम को फ्यूल की भांति प्रयुक्त किया जाए तब मोडरेटर भारी जल होता है।
39. इलेक्ट्रिकल उपस्करों के सभी मेटेलिक भागों को अर्थिंग करना आवश्यक है।
40. ए.सी. के उच्चतम मान और प्रारंभिक मान के अनुपात को पीक फैक्टर कहते हैं।
41. एक निश्चित शक्ति के लिए पावर फैक्टर पर सिस्टम द्वारा लगाई गई धारा न्यूनतम होगी।
42. वायरिंग करने के लिए तारे, लकड़ी के पेंट, मीटर बोर्ड आवश्यक सामग्री होती है।
43. सुरक्षा की दृष्टि से वायरिंग का चयन अग्नि से दूर, वायरिंग का मूल्य, यांत्रिक चोटो से बचाव बातों को ध्यान में रखकर करना चाहिए।
44. स्टीम पावर प्लांट में जल का उपयोग कंडेनसर में शीतलन के लिए किया जाता है।
45. न्यूक्लियर पावर प्लांट के प्रारंभिक लागत अधिकतम है।
46. इकोनोमाइजर्स का उपयोग फीड वाटर को गर्म करने के लिए किया जाता है।
47. फ्लेक्सिबल वायर वायरिंग पी.वी.सी. तार द्वारा की जाती है।
48. एक जेनर डायोड का पावर डिसिपेशन अधिकतम होता है जब लोड करंट शून्य होता है।
49. जब बड़े अल्टरनेटर्स की कूलिंग के लिए हाइड्रोजन प्रयुक्त की जाती है तब इंसुलेशन का जीवनबढ़ जाता है।
50. ए.सी. ट्रांसमिशन लाइन में लाइन के दोनों सिरों पर फेज वोल्टेज में अंतर का कारण लाइन का रिएक्टेन्स है।
51. MHD प्रणाली एसी तथा डीसी दोनों जनरेट करती है।
52. कार्बन माइक्रोफोन में खराब आवृत्ति प्रतिक्रिया होती है।
53. पावर फैक्टर संशोधन के लिए प्रयुक्त उपकरण सदा ट्रांसफार्मर के समीप स्थापित किया जाता है।
54. एक धारा वाहक सोलेनॉइड की ध्रुवीयता हेलिक्स रुल का प्रयोग करके निर्धारित की जा सकती है।
55. फ्लश स्विच को दीवार के अंदर लगाया जाता है।
56. आर्क फाइनेस उपभोक्ता के संस्थान द्वारा पीक लोड प्रदान किया जाता है।
57. फास्ट ब्रीडर रिएक्टर में प्रयुक्त मोडरेटर भारी जल ,ग्रेफाइट ,सामान्य जल है।
58. शंट मोटर की फील्ड वाइंडिंग आर्मेचर के समांतरक्रम में लगी होती है।
59. एक बी और डब्लू टीवी रिसीवर के लिए विशिष्ट ई.एच.टी. वोल्टेज 18 KV है।
60. जब लोहे के पाइप को दीवार के साथ लकड़ी की गट्टी और सैंडल द्वारा फिक्स किया जाता है तो वह कंसील्ड वायरिंग कहलाती है।

बेसिक आँफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

                      Basic Electronic 

अगर आप इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग किस क्षेत्र में जाना चाहते हैं तो इसके लिए आप आईटीआई पॉलिटेक्निक बीटेक और एमटेक के द्वारा इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में जा सकते हैं लेकिन आईटीआई पॉलिटेक्निक या रिजेक्ट करने से ही आपको इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी नहीं हो जाती इसके लिए आपको प्रेक्टिकल की भी जरूरत होती है। जितनी ज्यादा आप प्रैक्टिकल करेंगे उतनी ज्यादा आपको इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित जानकारी मिलेगी यहां पर हम आपको इलेक्ट्रॉनिक्स थ्योरी Basic Electronic से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर दे रहे हैं जो कि पहले इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की परीक्षा में पूछे गए हैं अगर आपको यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ इसे शेयर जरूर करें

1.बायसिंग (Biasing) क्या होता है?
उत्तर. ट्रांजिस्टर के टर्मिनलों को बाहरी स्त्रोतों से संयोजित करने की प्रक्रिया बायसिंग कहलाती है इसकी इनपुट एवं आउटपुट बायसिंग के आधार पर ही ट्रांजिस्टर का प्रचालन निर्भर करता है N-P-N एवं P-N-P ट्रांजिस्टर की बायसिंग को निचे क्रमवार समझाया गया है।

2. पावर एम्पलीफायर (Power Amplifier) क्या है?
उत्तर. पब्लिक एड्रेसिंग एंपलीफायर रिसीवर ट्रांसलेटर आदि उपकरणों में एक पावर एंपलीफायर स्टेज अथवा आउटपुट स्टेज इस्तेमाल करना आवश्यक होता है जिसकी धारा वहन क्षमता काफी अधिक होती है पावर एंपलीफायर सर्किटस समांतर पशु-पुल एवं कॉन्प्लिमेंन्ट्री सिमेंट्री प्रकार के होते है।

3. वेव शेपिंग परिपथ (Wave Shaping Circuit) क्या है?
उत्तर. वेवशेपिंग वस्तुतः सिग्नल प्रोसेसिंग का एक भाग है जिसमें सिग्नल वेवफार्म को प्रवर्धन से पहले आवश्यक वांछित आकृति प्रदान की जाती है इस प्रक्रिया के माध्यम से कुछ नेटवर्कों का इस्तेमाल करके पुरानी वेवफार्म को नयी वेवफार्म में परिवर्तित किया जाता है वेवशेपिंग का यदि विस्तृत विवेचन करें तो पाएंगे कि यह रेखीय अथवा अरेखीय प्रकार की हो सकती है रेखीय वेवशेपिंग परिपथ में रेखीय अवयवों; R,L एवं C ; का इस्तेमाल किया जाता है जबकि अरेखीय वेवशेपिंग परिपथ में अरेखीय अवयवों डायोड,ट्रांजिस्टर आदि का इस्तेमाल किया जाता है।

4. ट्रांजिस्टर (Transistor) क्या होता है?
उत्तर. ट्रांजिस्टर जिन दो शब्दों के सहयोग से मिलकर बना है उसमें से एक शब्द ट्रांस है जिसका अर्थ स्थानांतरण है तथा दूसरा शब्द रेजिस्टेंस है जिसका अर्थ प्रतिरोध है इन दोनों शब्दों का अर्थ होता है प्रतिरोध का स्थानांतरण ट्रांजिस्टर में तीन इलेक्ट्रोड होते हैं प्रथम इलेक्ट्रोड का उत्सर्जक या एमीटर दूसरे को बेस तथा तीसरे को संग्राहक या कलेक्टर कहते हैं।

5. क्लेम्पिंग परिपथ (Clamping Circuit) क्या है?
उत्तर. क्लैम्पिंग परिपथ एक ऐसा डी.सी. परिपथ है जो किसी तरंग रूप के वोल्टेज स्तर को वांछित स्तर में परिवर्तित कर देता है सामान्य भाषा में इस परिपथ के द्वारा इनपुट सिग्नल के डी.सी. अवयव को जोड़ा अथवा घटाया जाता है इसे डी.सी. रिस्टोर एवं लेवल शिफ्टर भी कहते हैं आउटपुट पर प्राप्त सिग्नल के स्तर के आधार पर क्लैम्पिंग परिपथ को धनात्मक एवं ऋणआत्मक प्रकारों में बांटा गया।

6. रेडियो फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर (Radio Frequency Amplifier) क्या होता है?
उत्तर. इस प्रकार के एंपलीफायर 20 किलो हट्र्ज से 3 X10/6 हट्र्ज या 3 मेगा हट्र्ज के मध्य के सिग्नल को एंपलीफाई करने के काम आते हैं इनका इस्तेमाल ट्रांसमीटर तथा सर्विस आसिलेटर में किया जाता है।

7.मल्टीवाइब्रेटर (Multivibrator) क्या है?
उत्तर. मल्टीवाइब्रेटर सर्किट का इस्तेमाल मुख्यतः वर्गाकार वेव उत्पन्न करने के लिए किया जाता है मल्टीवाइब्रेटर सर्किट 3 प्रकार के होते हैं।

8. कैस्केड या मल्टी स्टेज एम्पलीफायर (Cascade Or Multistage Amplifier) क्या है?
उत्तर. दो या दो से अधिक स्टेज वाला ऐसा एंपलीफायर सर्किट जिसमें केवल R-C कपलिंग इस्तेमाल की गई हो कैस्केड एम्पलीफायर या मल्टीस्टेज एम्पलीफायर कहलाता है इसका फ्रीक्वेंसी रेस्पोस ऑफ फ्रीक्वेंसी पर भी उत्तम होता है।

9. प्रेरक फिल्टर सर्किट (Inductor Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर. इस सर्किट में आउटपुट की और एक इंडक्टर लोड प्रतिरोधक RL के श्रेणी क्रम में जोड़ा जाता है.एक इंडक्शन क्वॉयल को लोड प्रतिरोधक की श्रेणी में जोड़कर आउटपुट रेक्टिफाइड धारा के स्पन्दन को कम किया जाता है।

10. मोनो स्टेबल मल्टीवाइब्रेटर (MonoStable MultiVibrator) क्या है?
उत्तर. मोनोस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर के केवल एक ही स्टेबल दशा होती है इसे स्टेबल दशा से ऑपरेट होने की दशा में लाने के लिए ट्रिगर-प्लस की आवश्यकता होती है ट्रिगर प्लस के बाद यह एक निश्चित समय तक ऑपरेट रहने के बाद यह पुन: स्टेबल दशा में पहुंच जाता है इस सर्किट में दो में से एक ट्रांजिस्टर को ऑन स्थिति में रखकर ट्रिगर प्लस दिया जाता है जिसके कारण प्रचालन की दशा बदलने लगती है इस परिवर्तन के कारण और ऑसिलेशन बनाने प्रारंभ हो जाते हैं तथा एक निश्चित समय के बाद सर्किट पुन: स्टेबल अवस्था में पहुंच जाता है इस सर्किट का इस्तेमाल कंप्यूटर्स में किया जाता है।

11. संक्रियात्मक प्रवर्धक (Operational Amplifier) क्या है?
उत्तर. संक्रियात्मक प्रवर्धक (Operational Amplifier) मूलतः एक मल्टीस्टेज अति उच्च लाभयुक्त एवं प्रत्यक्ष कपल्ड ऋणआत्मक फीडबैक प्रबंर्धक होता है जो कि एक स्थिर वोल्टेज लाभ प्रदान करने के लिए वोल्टेज शंट फीडबैक का इस्तेमाल करता है ऑपरेशनल एंपलीफायर को व्यवहारिक भाषा में Op-Amp के नाम से जाना जाता है एक ऑपरेशनल एंपलीफायर की इनपुट प्रतिबाधा उच्च होती है तथा आउटपुट प्रतिबाधा निम्न होती है जिसके फलस्वरुप यह 0 Hz से 1 MHz तक की आवृत्ति वाले सिग्नलों को प्रतिर्धित कर सकता है इसके द्वारा ए.सी. एंव डी.सी. दोनों प्रकार के सिग्नलों को प्रतिर्धित किया जाना संभव होता है Op-Amp एक रेखीय IC होती है जिसको मुख्य रूप से गणितीय संक्रियाओं को संपन्न कराने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

12. श्रेणी C एंपलीफायर (Class C Amplifier) क्या होता है?
उत्तर. वह एंपलीफायर जिसमें सिग्नल वोल्टेज इस प्रकार समायोजित किए गए हो कि इनपुट सिग्नल के आधे से कम समय के लिए धारा प्रवाहित होती हो वह वर्ग सी एंपलीफायर कहलाता है इस एंपलीफायर की फाइडेलिटी न्यूनतम डिस्टॉर्शन अधिकतम तथा आउटपुट पावर अधिकतम होती है इसकी दक्षता 70-75% तक होती है इससे ट्रांसमीटर में RF एंपलीफायर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

13. ऑडियो फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर (A.F.Amplifier) क्या होता है?
उत्तर. इस प्रकार के एंपलीफायर्स ऑडियो फ्रीक्वेंसी के सिंग्नल को बिना किसी विरूपण के एंपलीफाई करने के लिए या पावर एंपलीफायर के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं इनका इस्तेमाल पब्लिक एड्रेसिंग एंपलीफायर,रेडियो तथा टी.वी. रिसीवर की साउंड आउटपुट स्टेज आदि में किया जाता है।

14. श्रेणी A एंपलीफायर (Class A Amplifier) क्या होता है?
उत्तर. वह एंपलीफायर जिसमें सिग्नल वोल्टेज इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि इनपुट सिग्नल के पूरे समय के लिए कलेक्टर धारा प्रवाहित होती रहे श्रेणी ‘A, एंपलीफायर कहलाता है इस एंपलीफायर की फाइडेलिटी की सर्वोत्तम डिस्टॉर्शन न्यूनतम तथा आउटपुट पावर कम होती है इसकी दक्षता 20%-35% तक होती है श्रेणी A वर्ग के एंपलीफायर्स को प्री-एम्प्लीफायर तथा AF एंपलीफायर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

15. श्रेणी AB एंपलीफायर (Class AB Amplifier) क्या होता है?
उत्तर. वह एंपलीफायर जिसमें सिग्नल वोल्टेज इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि इनपुट सिग्नल के आधे से अधिक परंतु पूरे कम समय के लिए कलेक्टर धारा प्रवाहित होती हो वर्ग AB एंपलीफायर कहलाता है इस प्रकार के एंपलीफायर निम्न सिग्नल स्तर पर स्वत ही वर्ग ए की भांति कार्य करने वाले हैं इस एंपलीफायर की फाइडेलिटी एवं आउटपुट पावर श्रेणी A तथा B के मध्य होती है इसमें निम्न सिग्नल स्तर पर कोई डिस्टॉर्शन नहीं होता है तथा दक्षता 35-50% होती है।

16. वीडियो एंपलीफायर (Video Amplifier) क्या होता है?
उत्तर. वह एंपलीफायर जो की लगभग 4 से 7 मेगा हट्र्ज चौड़े बैंड का एप्लीफिकेशन करता है वीडियो एंपलीफायर कहलाता है इसे पल्स या वाइड एंपलीफायर भी कहते हैं।

17. आर.सी.कपल्ड (R.C.Coupled Amplifier) एम्पलीफायर क्या है?
उत्तर. इस प्रकार के एंपलीफायर में प्रतिरोधक का इस्तेमाल कलेक्टर सर्किट में लोड प्रतिरोधक के रूप में किया जाता है तथा एक स्टेज के आउटपुट सिग्नल को दूसरी स्टेज के इनपुट में पहुंचाने के लिए के कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है इस प्रकार के एंपलीफायर की फाइडेंलिटी व इंपीडैन्स ट्रांसफार्मर कपल्ड की अपेक्षा अच्छी होती है अंत:इसका इस्तेमाल व्यापक रूप में किया जाता है।

18. बाई स्टेबल मल्टीवाइब्रेटर (Bistable MultiVibrator) क्या है?
उत्तर. बाइस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर को फ्लिप-फ्लॉप परिपथ के नाम से भी जाना जाता है इसमें दो आउटपुट सिग्नल प्राप्त होते हैं जो कि हमेशा एक-दूसरे के विपरीत होते हैं अंत: एक आउटपुट उच्च (1)होने पर दूसरे आउटपुट निम्न (2) हो जाती है इसके परिपथ में दो ट्रांजिस्टर (T1एवं T2) का इस्तेमाल किया जाता है इसमें जब ट्रांजिस्टर (T1) ऑन होता है तब ट्रांजिस्टर (T2) ऑफ होता है अथवा इससे विपरीत स्थिति होती है.बाइस्टेबल परिपथ में दो स्थिर अवस्थाएं होने के कारण ही इसे बाइस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर कहते हैं इसका इस्तेमाल क्रमिक डिजिटल परिपथों में मैमोरी सैल अथवा रजिस्टर की भांति करते हैं यह एक बाइनरी बिट को स्टोर करने की क्षमता रखता है।

19. क्लिपिंग परिपथ (Clipping Circuit) क्या है?
उत्तर. क्लिपर या लिमीटर परिपथ का कार्य ए.सी. तरंग रूप के धनात्मक या ऋणआत्मक उच्च आयाम के निश्चित अवांछित भाग को पृथक करना है यह श्रेणी एवं शंट प्रकार के होते हैं जोकि डायोड को परिपथ में लगाए जाने की स्थिति पर निर्भर करते हैं।

20. Π टाइप फिल्टर सर्किट (Π Type Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर. यदि दो कैपेसिटर के मध्य एक इंडक्टर जोड़कर फिल्टर सर्किट का निर्माण किया जाए तब इस प्रकार के सर्किट को Π टाइप फिल्टर सर्किट कहते हैं।

21. वोल्टेज एंपलीफायर (Voltage Amplifier) क्या है?
उत्तर. वह सर्किट जिसके द्वारा कमजोर इनपुट सिग्नल की वोल्टेज उसकी आउटपुट पर बढ़कर प्राप्त होती हो वोल्टता एंपलीफायर कहलाता है ये एंपलीफायर्स ऑडियो,रेडियो आई एफ तथा वीडियो फ्रीक्वेंसी के लिए इम्पीडैन्स ट्रांसफार्मर अथवा डायरेक्ट कपल्ड प्रकार के होते हैं।

22. इम्पीडेन्स कपल्ड एम्पलीफायर (Impedance Coupled Amplifier) क्या है?
उत्तर. इस प्रकार के एंपलीफायर मे कलेक्टर सर्किट में इंडक्टर का इस्तेमाल लोड के रूप में किया जाता है तथा एक स्टेज के आउटपुट सिग्नल को दूसरी स्टेज के इनपुट में पहुंचाने के लिए कैपेसिटर का इस्तेमाल किया जाता है अतः इस एंपलीफायर को एल.सी. कपल्ड एंपलीफायर भी कहते हैं इस एंपलीफायर की फाइडेंलिटी अच्छी नहीं होती है क्योंकि इसका एप्लीफिकेशन सिग्नल की फ्रीक्वेंसी बढ़ने पर बढ़ता है तथा घटने पर घटता है।

23. डायरेक्ट कपल्ड एम्पलीफायर(Direct Coupled Amplifier) क्या है?
उत्तर. इस प्रकार के एंपलीफायर में पहले ट्रांजिस्टर को दूसरे ट्रांजिस्टर से सीधे जोड़ दिया जाता है अंतः दूसरे ट्रांजिस्टर के बेस का वोल्टेज पहले ट्रांजिस्टर के कलेक्टर के समान होता है इस एंपलीफायर की फाइडेंलिटी Hz से MHz के फ्रीक्वेंसी रेंज में सबसे अच्छी होती है इसका इस्तेमाल टी.वी. रिसीवर में वीडियो एंपलीफायर के रूप में किया जाता है।

24. P-N-P ट्रांजिस्टर की बायसिंग (P-N-P Biasing Transistor) क्या है?
उत्तर. P-N-P ट्रांजिस्टर के फॉरवर्ड बायसिंग सर्किट में एमिटर को बैटरी के पॉजिटिव सिरे से तथा कलेक्टर को बैटरी के नेगेटिव सिरे से जोड़ा गया है बेस को कलेक्टर की अपेक्षा काफी कम नेगेटिव पोटेशियम पर रखा जाता है परंतु अधिकांश होल्स को कलेक्टर का प्रबल ऋणआत्मक क्षेत्र अपनी और आकर्षित कर देता है यह एमीटर का पॉजिटिव आवेश होल्स का एमीटर बेस जंक्शन कुछ मात्रा में अपनी और आकर्षित करता है यह एमीटर से चलकर होल्स कलेक्टर पर पहुंच जाता है इस ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल एम्प्लिफिकेशन कार्य के लिए किया जाता है।

25. प्रवर्धक (Amplifier) क्या होता है?
उत्तर. ट्रांजिस्टर अथवा आई.सी. से निर्मित ऐसा सर्किट,जो किसी सिग्नल की शक्ति को बढ़ा देता है प्रवर्धक या एंपलीफायर कहलाता है जबकि इसके द्वारा कमजोर सिग्नल के वोल्टेज अथवा पावर बढ़ाने की क्रिया को प्रवर्धन या एम्प्लिफिकेशन कहते हैं एंपलीफायर के आउटपुट तथा इनपुट के अनुपात को उसका प्रवर्धन लाभ कहते हैं किसी अच्छे एंपलीफायर में अनुरूपता स्थायित्व शोर रहित प्रचालन अच्छा फ्रीक्वेंसी रिस्पांस एवं तरंगदैर्ध्य के गुण विद्यमान होने चाहिए।

26. इंटरमीडिएट फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर (Intermediate Frequency Amplifier) क्या होता है?
उत्तर. वह एंपलीफायर,जो कि एक निश्चित रेडियो फ्रीक्वेंसी पर सिग्नल एवं एप्लीकेशन करता है इंटरमीडिएट फ्रीक्वेंसी एंपलीफायर कहलाता है।

27. दोलित्र (Oscillator) क्या है?
उत्तर. ऑसिलेटर एक इलेक्ट्रॉनिक्स परिपथ है जिसमें उसकी इनपुट पर ए.सी. सिग्नल दिए बिना ही आउटपुट पर इच्छित ए.सी. सिग्नल प्राप्त किया जाता है. ऑसिलेटर के लिए धनात्मक फीडबैक का इस्तेमाल किया जाता है यह आउटपुट पर उत्पन्न वेवफार्म के आधार पर ज्यावक्रीय एवं अज्यावक्रीय के प्रकार के होते हैं।

28. N-P-N ट्रांजिस्टर की बायसिंग (N-P-N Biasing Transistor) क्या है?
उत्तर. N-P-N ट्रांजिस्टर के फॉरवर्ड बायसिंग सर्किट में एमीटर को बैटरी के नेगेटिव सिरे से तथा कलेक्टर को बैटरी के पॉजिटिव सिरे से संयोजित किया गया है N-P-N ट्रांजिस्टर सर्किट में धारा/करंट का प्रवाह मुक्त ट्रांजिस्टर इलेक्ट्रॉन्स के द्वारा होता है एमिटर से चलकर कलेक्टर पर पहुंचने वाले मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या का नियंत्रण बहुत कम मान की बेस बायसिंग द्वारा होता है इस गुण के आधार पर ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल एम्प्लिफिकेशन आदि कार्यो के लिए किया जाता है।

29. अस्टेबल अथवा फ्री रनिंग मल्टीवाइब्रेटर (Astable Or Free Running Multivibrator) क्या है?
उत्तर. अस्टेबल मल्टीवाइब्रेटर स्क्वायर वेव उत्पन्न करता है यह दो स्टेज वाला R.C. कपल्ड एंपलीफायर सर्किट है इसमें प्रथम एंपलीफायर स्टेज की आउटपुट को दूसरी स्टेज की इनपुट से कपल्ड किया गया है.जब सिग्नल,प्रथम स्टेज की इनपुट को दिया जाता है तब इसका फेज,प्रथम स्टेज के एंपलीफायर की आउटपुट के विपरीत हो जाता है तथा जब यह दूसरी स्टेज के एंपलीफायर से गुजरता है तब इस सिग्नल का फेज मूल सिग्नल के फेज के समरुप हो जाता है इस प्रकार आउटपुट से प्राप्त सिग्नल को प्रथम ट्रांजिस्टर के वेस को वापस भेजा जाता है जोकि धनात्मक फीडबैक का कार्य करता है फीडबैक की मात्रा इतनी अधिक होती है कि ट्रांजिस्टर संतृप्त तथा कट-ऑफ के मध्य कार्य करता है।

30. श्रेणी B एंपलीफायर (Class B Amplifier) क्या होता है?
उत्तर. वह एंपलीफायर जिसमें सिग्नल वोल्टेज इस प्रकार समायोजित किया जाता है कि इनपुट सिग्नल के लगभग आधे समय के लिए ही कलेक्टर धारा प्रवाहित होती हो वह वर्ग भी एंपलीफायर कहलाता है इस एंपलीफायर की फाइडेलिटी कम डिस्टॉर्शन लगभग 50-60% तक तथा आउटपुट पावर अधिक होती है इसकी दक्षता 50% होती है

31. L-C फिल्टर सर्किट (L-C Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर. यदि किसी सर्किट में पहले इंडक्टर लोड प्रतिरोधक RL की श्रेणी में तो तथा इसके पश्चात कैपिसिटर लोड के समानांतर क्रम में जोड़ा जाए तब इस प्रकार के फिल्टर सर्किट को L- टाइप या L-C फिल्टर सर्किट कहते हैं।

32. संधारित्र फिल्टर सर्किट (Capacitor Filter Circuit) क्या होता है?
उत्तर. इस रेक्टिफायर से प्राप्त आउटपुट में जुड़े प्रतिरोधक RL के समानांतर में जोड़ते हैं इसलिए इसे शंट कैपेसिटर फिल्टर सर्किट भी कहते हैं इस प्रकार प्राप्त डी.सी. आउटपुट में रिपल फैक्टर का मान कम होता हैै

Electrical Engineering Basics

1. उच्चतम दक्षता प्राप्त करने के लिए डी. सी. जनित्र में ब्रशों को रखना चाहिए. 
उत्तर. चुम्बकीय उदासीन अक्ष पर

2.एक 220 V D.C. मोटर में 0.2 का आर्मेचर प्रतिरोध है और 215 V का बैंक E.M.F. है तो इसमें कितनी धारा बह रही है। 
उत्तर. 25 एम्पियर

3. फ्यूज का कार्य है 
उत्तर. धारा को रोकना

4. कम क्षमता वाली डी. सी. मशीन की योक ……… की बनायीं जाती है। 
उत्तर. कास्ट -आयरन

5. परिणामित्र स्टार डेल्टा संयोजन में प्राइमरी फेज वोल्टेज ———- 
उत्तर. VL/3

6. प्रायमरी परिपथ की 100 – 200 एम्पियर विधुत विधुत धरा को केवल 1 – 2 एम्पियर विधुत धारा परिवर्तित किया जाता है 
उत्तर. धारा परिणामित्र

7. जब दो ट्रांसफॉर्मर समान्तर क्रम में काम कर रहे है तो वे किस के आधार पर लोड बाँटेगे 
उत्तर. KVAरेटिंग

8. यदि कोई डी.सी.शंट मोटर लोडरहित अवस्था में कार्यरत है और उसकी फील्ड -वाइडिंग ओपन -सर्किट हो जाय तो क्या होगा।
उत्तर. मोटर की घूर्णन गति उच्च हो जाएगी

9. यदि आर्मेचर वाइडिंग के पोलो की संख्या 2 है तो समानान्तर पथो की संख्या होगी।
उत्तर. 2

10. डायनेमोमीटर प्रकार के यन्त्र में स्थिर रखा जाता है  उत्तर. धारा कुंडलियों को

11. तापीय बिजली प्लांट में प्रयुक्त होने वाले कोयले में राख की मात्रा …….. होती है।
उत्तर. करीब 20 %

12. रिले का मुख्य कार्य है –
उत्तर. फॉल्ट ढूढ़ना

13. कम्पाउन्डिड डी.सी. जेनरेटर का एक उपयोग है। उत्तर. इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए

14. नमी सोखने के बाद सिल्का जैल का रंग हो जाता है उत्तर. नीला

15. यदि किसी कार्यरत डी.सी. सीरीज मोटर की फील्ड -वाइंडिंग अचानक ओपन -सर्किट हो जाए तो क्या होगा।
उत्तर. मोटर रुक जाएगी

16. खुला परिपथ परिक्षण द्वारा _________ का मान ज्ञात किया जाता है ।
उत्तर. आयरन लॉस

17. थर्मिस्टर का प्रतिरोध , तापमान वृद्धि से…….. उत्तर. घटता है
18 किसी थर्मल पावर प्लांट की दक्षता करीब……… होता है।
उत्तर. 35 %

19. वैधुतिक मापक यंत्रों की कंपनी के निर्माण के लिए सबसे उपयुक्त धातु है – 
उत्तर. फास्फर ब्रॉन्ज़

20. एक लंबे शंट कम्पाउण्ड जेनरेटर में निर्मित वोल्टेज 400 वोल्ट है ,फील्ड शंट रेजिस्टेंस 80 ओह्म है। शंट फील्ड करंट की गणना कीजिए।
उत्तर. 5.0amp

21. डी.सी. जेनरेटर की रेटिंग की जाती है। 
उत्तर. किलो -वाट में

22. पीक भार सयंत्र कार्यरत होते है।
उत्तर. निम्न लोड गुणक पर

23. लिफ्ट में कौन -सी मोटर को तहजील देते है।
उत्तर. डी. सी. सीरीज मोटर

24. ट्रांसफार्मर की दक्षता – 
उत्तर. 95 % से 98 %

25. किसी जनित्र में लैप वाइंडिंग स्थापित करने का कारण है।
उत्तर. अधिक करंट व कम वोल्टेज प्राप्त करना

26. अक्ष के परितः मोड़ने या मरोड़ने बल आघूर्ण को कहा जाता है।
उत्तर. टॉर्क

27. गीजर में फ्यूज बार बार उड़ रहा है कारण बताये – उत्तर. हीटिंग एलीमेंट का सतह से टच होना

28. कॉमन बेस ट्रांसिस्टर विन्यास का करंट गेन – 
उत्तर. 0.95

29. डी सी जनित्र की दक्षता – 
उत्तर. 85% से 95 % तक

30. जर्मेनियम डायोड की डिप्लेशन लेयर के समान्तर वोल्टेज…………. है।
उत्तर. 0.3 V

31. D.C. शंट मोटर का उपयोग नीचे लिखे निम्न प्रयोगों में से किसमे होता है।
उत्तर. मशीन उपकरण ड्राइव के साथ

32. एक ईधन सैल……….ऊर्जा को विघुत ऊर्जा में परिवर्तित करती है।
उत्तर. रासायनिक

33. डी.सी.मोटर का बैक Emf(Eb)की गणना करने के लिए ,सूत्र क्या होगा।
उत्तर. Eb=V-IaRa

34. कौन -सा नियम डी.सी.मोटर में कंडक्टर की गति की दिशा की पहचान करने के लिए लागू किया जाता है। उत्तर. फ्लेमिंग बाँए हाथ का नियम

35. एच.आर.सी. फ्यूज के फ्यूजिंग कारक क्या है – उत्तर. 1.1

36. एक विघुत हीटर 250V,1500W तथा 500 डिग्री सेंटीग्रेड C पर कार्य कर रहा है तो हीटिंग एलीमेन्ट में धारा तथा प्रतिरोध की गणना कीजिए। 
उत्तर. 6 Ampsऔर 41.66 Ohms

37. सुरक्षा युक्ति किसी उपकरण को ………के विरूध्द सुरक्षा प्रदान करती है।
उत्तर. अतिभार , लघु -पथ , विघुत झटका

38. भारत में ऑपरेटिंग आवृति………. है।
उत्तर. 50 हर्ट्ज

39 विघुत हीटर की कनेक्टिंग लीड में किस पदार्थ का इन्स्लैटिंग सामग्री प्रयोग होता है. उत्तर. पोर्सलीन पदार्थ
40. एक BOT इकाई _________ है।
उत्तर. 746 वाट घण्टे

41. ट्रांसफार्मर में तेल प्रयोग करने का उद्देश्य – 
उत्तर. इंसुलेशन एवं शीतलन

42. एक D.C. मोटर का लोड और फलक्स अचल और प्रायोगिक वोल्टेज को 5 % बढ़ाते है जो आर्मेचर के बीच में है तो मोटर की गति होगी।
उत्तर. 5 % बढ़ जाएगी

43. कण्ट्रोल सर्किट में उपयोग होने वाले कण्ट्रोल ट्रांसफार्मर का रेगुलेशन …….. से अधिक नहीं होना चाहिए ।
उत्तर. 5 %

44. सर्किट ब्रेकर में अधिकतम ऊर्जा जिसे फाल्ट होने पर सर्किट ब्रेकर आसानी से बाधित कर सकता है ,कहा जाता है ।
उत्तर. रप्चरिंग क्षमता

45. एक मीटर ब्रिज में संतुलित अवस्था में I1 = 25 CM , I2 = 75 CM और ज्ञात प्रतिरोध 60 ओह्म हो तो अज्ञात प्रतिरोध का मान होगा।
उत्तर. 20 ओह्म

46. डी सी जनित्र का कार्य सिद्धांत है – 
उत्तर. फैराडे का विधुत चुंबकीय नियम

47. एक किलो वाट घंटा (KWA) मापी यन्त्र को निम्न में से किस वर्ग में रखा जा सकता है ।
उत्तर. इंडिग्रेटिंग

48. डी.सी. थ्री प्वॉइंट स्टार्टर के हैंडल को चालू अवस्था में अपने पास चिपकाए रखती है।
उत्तर. N.V.C.

49. बर्कहासन के अनुसार फेज -शिफ्ट का मान होता है? उत्तर. शून्य

50. जब प्राथमिक और माध्यमिक वोल्टेज एक ही वाइडिंग से प्राप्त हो रहे है उस ट्रांसफॉर्मर को कहा जाता है? 
उत्तर. ऑटो ट्रांसफॉर्मर

                      wireman based

1. यदि किसी व्हीट स्टोन ब्रिज में P =20 ओह्म Q = 100 ओह्म S= 60 ओह्म होतो अज्ञात प्रतिरोध R का मान होगा | 
उत्तर. 12 ओह्म

2. अच्छे वोल्ट सुग्राहिता उच्च होना चाहिए 
उत्तर. ओह्म प्रति वोल्ट

3. लघु परिपथ परिक्षण द्वारा _________ का मान ज्ञात किया जाता है | 
उत्तर. कॉपर लॉस

4. मेगर का प्रयोग – 
उत्तर. इन्सुलेशन मापने

5. किस यन्त्र का प्रयोग केवल डी सी परिपथों की विधुत शक्ति मापने में है | 
उत्तर. फेरंटी एम्पियर घंटा यन्त्र

6. हार्टले दोलित्र सामान्यतया किसमें उपयोग किए जाते है ? 
उत्तर. रेडियो रिसीवर में

7. क्रिस्टल दोलित्र में प्रयोग किया जाता है ? 
उत्तर. पीजोइलेक्ट्रक क्रिस्टल

8. किस प्रकार का ऑसीलेटर संकेत जेनरेटर प्रयोग किया जाता है ? 
उत्तर. रिलेक्सेशन ऑसीलेटर

9. यदि किसी व्हीट स्टोन ब्रिज में P =10 ओह्म Q = 100 ओह्म S= 60 ओह्म होतो अज्ञात प्रतिरोध R का मान होगा ।
उत्तर. 6 ओह्म

10. शरीर के गर्म /ठंडे होने की डिग्री…………… कहलाती है
 उत्तर. तापमान

11. ट्रांजिस्टर रेडियो के लिए कोन सी सप्लाई चाहिए . उत्तर.कम वोल्टेज D.C

12. किस मोटर की फील्ड वाइंडिंग पतले तार एवं अधिक लपटों वाली बनाई जाती है | 
उत्तर. शंट मोटर

13. किसी प्रदार्थ का रजिस्टेंस कम होता है – 
उत्तर. मुक्त इलेक्ट्रोन की संख्या अधिक हो

14. क्रिस्टल दोलित्र ,स्थिर आवृति दोलित्र है ? 
उत्तर. उच्च Q के कारण

15. कॉपर की विशिष्ट ऊष्मा……….है।
उत्तर. 2.5

16. 11KVलाइन की ऊंचाई सामान्यतः होनी चाहिए ? 
उत्तर. अ 6.096 M

17. मोटर की गति आरपीएम में किस यन्त्र द्वारा मापते है – 
उत्तर. टेकोमीटर

18. बैट्री चार्जिंग के लिए उपयुक्त जनित्र –
उत्तर. शंट जनित्र

19. एक मीटर ब्रिज में संतुलित अवस्था में I1 = 25 CM , I2 = 75 CM और ज्ञात प्रतिरोध 90 ओह्म हो तो अज्ञात प्रतिरोध का मान होगा | 
उत्तर. 30 ओह्म

20. ऑटो ट्रांसफॉर्मर का अनुप्रयोग क्या है ? 
उत्तर. श्रृंखला लाइन बूस्टर

21. बाइनरी संख्या 0011 तथा 0110 को जोड़ने पर प्राप्त संख्या है।
उत्तर. 1001

22. सर्वाधिक संग्राहक दक्षता होती है . 
उत्तर. वर्ग -C शक्ति प्रवर्धक में

23. आदर्श प्रवर्धक का शोर गुणाक होता है. 
उत्तर. 0 DB

24. निम्न प्रदार्थों में से किसका ताप कोएफीशिएन्ट लगभग शून्य होता है ? 
उत्तर. मैगनीन

25. सुरक्षा के सूचनात्मक चिन्ह निम्न में से किस आकार में बनाए जाते है ? 
उत्तर. वर्गाकार

26. दो बिंदुओं स्टार्टर किस प्रकार की मोटर को चालू करने के लिए उपयुक्त है? 
उत्तर. केवल श्रेणी मोटर

27. किसी सामग्री से ट्रांसफॉर्मर के कोर का निर्माण होता है ? 
उत्तर. सिलिकॉन लोह इस्पात

28. निम्न के द्वारा ली गई माप अधिक यथार्थ होती है | उत्तर. मूविंग आयरन यन्त्र

29. लाइट एंड पंखे उप परिपथ का कुल लोड होता है | उत्तर. 800 वाट

30. फ्लेमिंग के वाये हस्त के नियम के अनुसार अंगूठा इंकित करेगा | 
उत्तर. चालक की घुमाव की दिशा

31. किस प्रकार के एम्प्लीफायर में सबसे ज्यादा पावर गेन है. 
उत्तर. कॉमन एमीटर एम्प्लीफायर

32. किसी वैधुत परिपथ में धारा मापने के लिए अमीटर को परिपथ के ___________
उत्तर. सिरिज मे लगाते है

33. CTC फायर एक्सटिंग्यूसर का प्रयोग किस प्रकार की आग बुझाने में किया जाता है ? 
उत्तर.बिजली

34.. थायरिस्टर को कहा जा सकता है. 
उत्तर. D.C. स्विच

35. डी सी बल आधूर्ण किसके समानुपाती होता है | उत्तर. आर्मेचर धारा

36. किस मोटर में शंट फील्ड को श्रेणी क्रम में संयोजित आर्मेचर तथा सीरीज फील्ड के समान्तर क्रम में संयोजित किया जाता है | 
उत्तर. लॉन्ग शंट कम्पाउंड मोटर

37. किस कारण से डी.सी. मोटर की ब्रश चेटरिंग या हिसिंग तरह की आवाज निकलती है ऑपरेशन के वक्त ?
 उत्तर. गलत ब्रश स्प्रिंग दबाव

38. बायो गैस का उत्पादन किया जाता है ।
उत्तर. पशुओं के गीले गोवर से

39. इंसुलेशन मापने के लिए प्रयुक्त मीटर है ।
उत्तर. मैगर
40. कम्पाउंड मोटर में सबसे कम प्रतिरोध किसका होता है ? 
उत्तर.आर्मेचर का

41. कौन सा ऊर्जा स्त्रोत विधुत शक्ति के उत्पादन हेतु प्रचलित है | 
उत्तर. सूर्य का प्रकाश ,वायु प्रवाह ,ज्वार – भाटा

42. CO2फायर एक्सटिंग्यूसर का प्रयोग नहीं करते है . उत्तर.पेट्रोल की आग बुझाने में

43. दो ट्यूबलर खम्बों के बीच राखी जाने वाली दूरी होनी चाहिए | 
उत्तर. 50-80 मी

44. छत के पंखे का बीच का रोटर घूम रहा है तो कोन सा पंखा हो सकता है ? 
उत्तर. D.C

45. ट्रायोड वाल्व की भांति ही तीन अर्धचालक खंडो वाली उक्ति कहलाती है |
 उत्तर. ट्रांसिस्टर

47.NPN ट्रांजिस्टर को PNP ट्रांजिस्टर की वरीयता दी जाती है कइयों ? 
उत्तर. प्रचलन तापमान की बड़ी सीमा

48. FSD का पूरा नाम – 
उत्तर. Full Scale Deflection

49. 66 किलो वोल्ट भूमिगत लाइन में प्रयोग किये जाने वाला केविल है 
उत्तर. ई एच टी केबिल

50. किसी यंत्र की संवेदनशीलता की इकाई है. 
उत्तर. ओह्म /वोल्ट

51. एकल चरण ट्रांसफॉर्मर के इनपुट पक्ष को कहा जाता है? 
उत्तर. मुख्य रूप पक्ष

52. सब स्टेशन से विधुत शक्ति को वितरण केंद्र तक पहुंचाने वाली लाइन ——–कहलाती है 
उत्तर. डिस्ट्रीब्यूशन लाइन

53. विधुत का सबसे अच्छा चालक – उत्तर. चांदी
54. 100 W,250 V बल्व का रेजिस्टेंस – 
उत्तर. 625 Ohm

55.जब कापर व आयरन जंक्शन के थर्मोकपल को गर्म किया जाता है तब ठन्डे सिरे से इलेक्ट्रोन ……. 
उत्तर. कापर से आयरन की तरफ चलते है

1. HT = High Tension (Transformer HT Side) = हाई टेंशन

2. LT = Low Tension = लो टेंशन

3. AB Switch = Air Break Switch = एयर ब्रेक स्विच

4. DO Fuse = Drop Out Fuse = ड्राप आउट फ्यूज

5. ACB = Air Circuit Breaker = एयर सर्किट ब्रेकर

6. VCB = Vacuum Circuit Breaker = वैक्यूम सर्किट ब्रेकर

7. SF6 Circuit Breaker = Sulphur Hexafluoride Circuit Breaker = सल्फर हेक्साफ्लोराइड सर्किट ब्रेकर

8. ACDB = Alternating Current Distribution Board =अल्टरनेटिंग करंट डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड

9. DCDB =Direct Current Distribution Board = डायरेक्ट करंट डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड

10.PDB = Power Distribution Board = पावर डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड

11.MPDB = Main Power Distribution Board = मेन पावर डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड

12.PCC = Power Control Centre = पावर कंट्रोल सेंटर

13.MCC = Motor Control Centre = मोटर कंट्रोल सेंटर

14.MCP = Motor Control Panel = मोटर कंट्रोल पैनल

15.VVVF = Variable Voltage Variable Frequency Drive = वेरिएबल वोल्टेज वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव

16.VSD = Variable Speed Drive = वेरिएबल स्पीड ड्राइव

17.DOL = Direct On Line =डायरेक्ट ऑनलाइन
18.RDOL = Reverse Duty On Line = रिवर्स ड्यूटी ऑनलाइन

19.MLDB = Main Lighting Distribution Board = मेन लाइटिंग डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड

20.SLDB = Secondary Lighting Distribution Board = सेकेंडरी लाइटिंग डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड

21.EMLDB = Emergency Lighting Distribution Board = इमरजेंसी लाइटिंग डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड

22.CPSS = Construction Power Substation = कंस्ट्रक्शन पावर सब स्टेशन

23.DSS = Distribution Power Substation = डिस्ट्रीब्यूशन पावर सब स्टेशन

24.RCC = Remote Control Cables = रिमोट कंट्रोल केबल

25.MCB = Miniature Circuit Breaker = मिनिएचर सर्किट ब्रेकर

26.MCCB = Moulded Case Circuit Breaker = मॉड्यूलड केस सर्किट ब्रेकर

27.MPCB = Motor Protection Circuit Breaker =मोटर प्रोटेक्शन सर्किट ब्रेकर

28.EMPR = Electronic Motor Protection Relay = इलेक्ट्रॉनिक मोटर प्रोटेक्शन रिले

29.RCCB = Residual Current Circuit Breaker = रेजिदुअल करंट सर्किट ब्रेकर

30.RCBO = Residual Current Circuit Breaker With Over-Current Protection = रेजिदुअल करंट सर्किट ब्रेकर विद अवर करंट प्रोटेक्शन

31.ELCB = Earth Leakage Circuit Breaker = अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर

32.HRC = Fuse High Rupture Capacity Fuse = फ्यूज हाई रप्चर कैपेसिटी फ्यूज

33.OLTC = On Load Tap Changer =ओन लोड टैप चेंजर

34.FCMA = Flux Compensated Magnetic Amplifier =फ्लक्स कोम्पेंसटेड मैग्नेटिक एंपलीफायर

35.UPS = Un-Interrupted Power Supply = अन इंटरेपटड पावर सप्लाई

36.SMF Battery = Sealed Maintenance Free Battery = शील्ड मेंटेनेंस फ्री बैटरी

37.JB = Junction Box =जंक्शन बॉक्स

38.PB = Push Button = पुश बटन

39.TB = Terminal Box = टर्मिनल बॉक्स

40.LCB = Local Control Board = लोकल कंट्रोल बोर्ड

41.LCS = Local Control Station = लोकल कंट्रोल स्टेशन

42.SPNDB = Short Circuit Protection Neutral Distribution Board = शार्ट सर्किट प्रोटक्शन न्यूट्रल डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड

43.TPNDB =Three Phase And Neutral Distribution Board = थ्री फेज एंड न्यूट्रल डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड

44.CT = Current Transformer = करंट ट्रांसफार्मर

45.PT = Potential Transformer = पोटेंशियल ट्रांसफार्मर

46.SCIM = Squirrel Cage Induction Motor = स्कुइर्रेल केज इंडक्शन मोटर

47.ACVS = Air Conditioning And Ventilation System =कंडीशनिंग एंड वेंटिलेशन सिस्टम

48.FDA = Fire Detection An
d Alarm =फायर डिटेक्शन एंड अलार्म
49.PCS = Pull Cord Switch = पुल कार्ड स्विच

50.ZSS = Zero Speed Switch =जीरो स्पीड स्विच

51.BSS = Belt Sway Switch = बेल्ट सवे स्विच

52.NO = Normally Opened = नॉर्मल ओपन

53.NC = Normally Closed = नॉर्मली क्लोज

54.TEFC = Total Enclosed Fan Cooled = टोटल इन क्लोज्ड फैन कुल्ड

55.TESC = Totally Enclosed Surface Cooled = टोटल इन क्लोज सरफेस कुल्ड

56.ISMC = Indian Standard Medium Weight Channel =इंडियन स्टैंडर्ड मीडियम वेट चैनल

57.GI Busbar = Galvanized Iron Bus Bar (For Earthing) = गैल्वेनाइज्ड आयरन बस बार
Automation And Instrumentation

                   Computer Basics

1. PLC = Programmable Logic Controller =प्रोग्राममेंबल लॉजिक कंट्रोलर

2. DCS = Distributed Control System = डिस्ट्रीब्यूटड कंट्रोल सिस्टम

3. MPI = Multi Point Interface = मल्टी पॉइंट इंटरफ़ेस

4. DP = Distributed Peripheral = डिस्ट्रीब्यूटर पेरिफेरल

5. SCADA = Supervisory Control And Data Acquisition = सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजीशन

6. HART = Highway Addressable Remote Transducer =हाईवे एड्रेसेबल रिमोट ट्रांसड्यूसर

7. HMI = Human Machine Interface = ह्यूमन मशीन इंटरफ़ेस

8. MMI = Man Machine Interface = मैन मशीन इंटरफ़ेस

9. VDU = Visual Display Unit = विजुअल डिस्प्ले यूनिट

10. RIO = Remote Input Output = रिमोट इनपुट आउटपुट

11. TCP/IP = Transmission Control Protocol-Internet Protocol = ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल इंटरनेट प्रोटोकॉल

12. CFC = Continuous Function Chart = कंटिन्यू फंक्शन चार्ट

13. SFC = Sequential Function Chart = सीक्वेंस फंक्शन चार्ट

14. PID Control = Proportional Integral And Derivative Control = प्रोपोर्तिओनल इंटीग्रल एंड डेरीवेटिव कण्ट्रोल

15. RAM = Random Access Memory =रैंडम एक्सेस मेमोरी

16. ROM = Read Only Memory = रीड ओनली मेमोरी

17. PROM = Programmable Read Only Memory = प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी

18. EPROM = Erasable Programmable Read Only Memory =इरेजबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी

19. EEPROM = Electrically Erasable Programmable Read Only Memory =इलेक्ट्रिकल इरेजबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी

20. RTD = Resistance Temperature Detector= रजिस्टेंस टेंपरेचर

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग

इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग क्या है।

इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की वह शाखा है, जिस के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सर्किट और कम्युनिकेशन उपकरणों जैसे ट्रांसमीटर रिसीवर इंटीग्रेटेड सर्किट के बारे में अध्ययन करवाया जाता है। और इस इंजीनियरिंग के अंतर्गत आपको बेसिक इलेक्ट्रॉनिक एनालॉग और डिजिटल ट्रांसमिशन और डाटा Reception, माइक्रोप्रोसेसर सेटेलाइट कम्युनिकेशन माइक्रोवेव इंजीनियरिंग, Antenna और Wave Progression के बारे में भी बताया जाता है।इस इंजीनियरिंग के अंतर्गत आपको उस सभी उपकरण के बारे में बताया जाता है। जो कि इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन के लिए इस्तेमाल की जाती है।

हमारे आम जीवन में इस्तेमाल होने वाले इलेक्ट्रॉनिक के सभी उपकरण जैसे टेलीविजन रेडियो कंप्यूटर मोबाइल इत्यादि सारे के सारे इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियर द्वारा बनाए जाते हैं। इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की शाखा बहुत बड़ी है। इसके अंदर बहुत बड़े-बड़े उपकरण तक बनाए जाते हैं। एक इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर सेटेलाइट के उपकरण को डिजाइन करता है,और उसे बनाता है, जिससे कि हमारे TV टेलीफोन और इंटरनेट सर्विस चलती है. तो आज की इस पोस्ट में हम आपको इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं।

Electronics & Communication इंजिनियर कैसे बने ?

अगर आपकी रुचि इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन में ज्यादा है, तो आप एक इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन के इंजीनियर बन सकते हैं इसके लिए सबसे पहले आपको डिग्री हासिल करनी होगी। अगर आप 10वीं कक्षा के बाद में ही इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। तो आपको 10 वीं कक्षा करते ही पॉलिटेक्निक में डिप्लोमा के लिए एडमिशन लेना होगा। पॉलिटेक्निक मैं आपको इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन की शाखा मिलेगी। जिससे आप अपना 3 साल का डिप्लोमा पूरा करेंगे।
डिप्लोमा पूरा करने के बाद में आप आगे इसी क्षेत्र में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप डिग्री कर सकते हैं। या फिर आप किसी कंपनी में नौकरी पा सकते हैं और नौकरी के साथ साथ आप अपनी डिग्री को भी पूरा कर सकते हैं।अगर आप 12वीं कक्षा के बाद में इस क्षेत्र में जाना चाहते हैं। तो आपको 12 वीं कक्षा फिजिक्स ,केमिस्ट्री और मैथ से पास करनी होगी। और फिर आप इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन शाखा से बीटेक करेंगे जिससे कि आपको इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियर की डिग्री मिल जाएगी।
डिग्री हासिल करने के बाद में आप किसी भी कंपनी में एक इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर के रुप में नौकरी कर सकते हैं. लेकिन अगर आप डिग्री के बाद में भी आगे पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन से मास्टर डिग्री कर सकते हैं इसके बाद में आप इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन के अध्यापक भी बन सकते हैं या फिर किसी अच्छी कंपनी में अच्छी सैलरी के साथ में जॉब कर सकते हैं।

Electronics & Communication Engineer के लिए जॉब

इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन शाखा से इंजीनियरिंग करने के बाद में आपके सामने नौकरी के बहुत सारे विकल्प होंगे। लेकिन यह सभी नौकरियां आपको आपके काम के अनुभव के अनुसार मिलेगी। अगर आप डिप्लोमा करते ही नौकरी पाने की कोशिश करेंगे तो आपको इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर के रुप में नहीं रख सकते पहले आपको इससे संबंधित काम करवाया जाएगा और जैसे ही आप को काम का अनुभव होगा इसके बाद में ही आपको एक इलेक्ट्रॉनिक और कम्युनिकेशन इंजीनियर के रुप में रखा जाएगा।
लेकिन अगर आप डिग्री करते हैं तो आपके सामने बहुत सारी नौकरियां होंगी। जिन की सूची हमने नीचे दी है।नीचे दी गई सूची में से आप अपने काम के अनुसार या आपकी रुचि के अनुसार कोई भी नौकरी चुन सकते हैं और उसी विभाग में काम कर सकते हैं।
1. Broadcasting Professional Engineer
2. Engineer, Electrical Distribution Planning
3. Planning Engineer, Electrical Energy  Transmission
4. Instrumentation And Control Engineer
5. Research Engineer Nanoelectronics
6. Chief Electrical Engineer
7. Spacecraft Electronics Engineer
8. Electrical Power Scheduling Engineer
9. Design And Development Engineer, Electrical And Electronic Systems
10. Electrical Systems Planning Engineer
11. Roadway Lighting Design Engineer
12. Metrology Engineer
13. Electrical Engineer
14. Audio Engineer – Electricity And Electronics
15. Electrical Network Engineer
16. Professional Engineer, Broadcasting
17. Radio Research Engineer
18. Signal Engineer
19. Design Engineer, Electrical
20. Engineer, Electrical Energy Transmission
21. Radar Engineer
22. Process Instrumentation Engineer
23. Electrical Power Systems Design Engineer
24. Meter Engineer
25. Electrical Energy Transmission Planning Engineer
26. Chief Electronics Engineer
27. Electrical Energy Transmission Engineer
28. Electrical Equipment Engineer
29. Protection Engineer, Electrical Systems
30. Microelectronics Engineer
31. Electronics Research Engineer
32. Design Engineer, Radio And Television Broadcasting Systems
33. Protective Relay Engineer
34. Rural Electrification Engineer
35. Engineer, Electronics
36. Overhead Electrical Distribution Engineer
37. Engineer, Instrumentation
38. Satellite Antenna Engineer
39. Electronics Test Engineer
40. Electrical Research Engineer
41. Satellite Instrumentation Engineer
42. Process Control Engineer, Electrical
43. Design Engineer, Electrical Powe Systems
44. Electrical Engineer, Process Control
45. Low Voltage Equipment Engineer
46. Electrical Distribution Engineer
47. Planning Engineer, Electrical Systems
48. Engineer, Electrical Energy Transmission Planning
49. Line Construction Engineer
50. Displays And Controls Design Engineer
51. Underground Electrical, Electrical Distribution Engineer
52. Electrical And Electronics Research    Engineer
53. Technical Services Electrical Engineer
54. Chief Engineer – Radio And Television Broadcasting
55. Engineer, Instrumentation And Control
56. Digital Circuit Design Engineer
57. Circuit Design Engineer
58. Electrical Design Engineer
59. Analogue Amplifier Desig Engineer
60. Avionics Engineer
61. Service Engineer, Electrical Power Systems
62. Distribution Planning Engineer, Electrical
63. Control Systems Engineer
64. Instrumentation Engineer
65. Electronics Engineer
66. Radio And Television Broadcasting Design Engineer
67. Antenna Engineer
68. Radio And Television Broadcasting Systems Design Engineer
69. Engineer, Avionics
70. Television Systems Engineer

Electronics & Communication Engineer की सैलरी

इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर की सैलरी दूसरी नौकरियों की तरह उसके काम और पद के ऊपर निर्भर करती है। अगर आप डिप्लोमा करते ही इस क्षेत्र में नौकरी पाएंगे तो आपकी सैलरी 8 से 15 हजार होगी. और अगर आप डिग्री हासिल करने के बाद में इस क्षेत्र में नौकरी करेंगे तो आपकी सैलरी 15000 से ₹25000 तक होगी. और अगर आप मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद में नौकरी करते हैं। तो आपकी सैलरी 25 से 35 हजार रुपए तक हो सकती है। लेकिन यह सैलरी आपके काम के अनुभव के ऊपर भी निर्भर करेगी जैसे कि अगर आप डिप्लोमा करने के बाद में काम करते हैं। तो आपकी सैलरी शुरू में कम होगी लेकिन जितने समय में आप डिग्री हासिल करेंगे उतने समय अगर आप काम करेंगे तो आपकी सैलरी 3 साल में 1 डिग्री करने वाले इंजीनियर के बराबर हो जाएगी और आप काम करने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई को भी जारी रख कर डिग्री पूरी कर सकते हैं। इससे आपकी सैलरी और भी ज्यादा हो जाएगी क्योंकि आपके पास 3 साल काम करने का अनुभव और 1 डिग्री होगी।

Electronics & Communication Engineer की विदेशो में सैलरी

विदेशों में भी इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर की बहुत ज्यादा मांग है। क्योंकि भारत के मुकाबले विदेशों में बहुत ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। और वहां पर नए-नए इलेक्ट्रॉनिक के उपकरण बनाए जाते हैं। इसीलिए वहां पर इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर की काफी मांग है. तो अगर आप विदेशों में नौकरी करना चाहते हैं। तो आपको किसी अच्छे विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन की डिग्री हासिल करनी होगी. और पहले भारत में ही काम कर के काम का अनुभव लेना होगा तभी आप विदेशों में नौकरी पा सकते हैं।
लेकिन अगर आप सीधे डिग्री करने के बाद में ही नौकरी पाना चाहते हैं। तो आपको विदेश में ही अपनी डिग्री पूरी करनी होगी. विदेश में डिग्री पूरी करने से आपको वहां पर नौकरी मिलने की संभावना बहुत ज्यादा हो जाती है। इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन नीचे आपको कुछ देशों के नाम और वहां पर एक इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर को मिलने वाली सैलरी की सूची दी गई। जिस से आप अंदाजा लगा सकते हैं। कि विदेशों में एक इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियर की सैलरी कितनी है।
America में 
Electronics & Communication Engineer की Salary = लगभग $89,708 = 58,25,637 रूपए (2017 में )

Dubai में 
Electronics & Communication Engineer की Salary = लगभग 97,242 AED = 17,21,231 रूपए (2017 में )

Canada में 
Electronics & Communication Engineer की Salary = लगभग C$64,527  = 32,91,639 रूपए (2017 में )

Kuwait में
Electronics & Communication Engineer की Salary = लगभग 8,477 KWD  =  18,24,026 रूपए (2017 में )

Singapore  में 
Electronics & Communication Engineer की Salary = लगभग $39347 = 18,86,230 रूपए (2017 में )

Australia  में 
Electronics & Communication Engineer की Salary = लगभग AU$72,392 =  35,51,049 रूपए (2017 में )



ध्रुवीकरण के प्रकार

  ध्रुवीकरण के प्रकार आधार पूर्वाग्रह सर्किट इस विषय में हमने कहा था कि हम सभी परिपथों को सक्रिय रूप में लेंगे, ताकि बाद में जब हम एकांतर मे...