Saturday, February 13, 2021

Electronic के महत्वपूर्ण Components के नाम

Basic Component

अगर आप इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के विद्यार्थी हैं | या फिर इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से संबंधित जानकारी पाना चाहते हैं | और इलेक्ट्रॉनिक के नए-नए सर्किट बनाना चाहते हैं | तो आप को सबसे पहले इलेक्ट्रॉनिक के बेसिक कॉन्पोनेंट और Equipment की जानकारी होना बहुत जरूरी  क्योंकि बेसिक कंपोनेंट की जानकारी के बिना या उन कंपोनेंट की वैल्यू राइटिंग और उनके कार्य के बिना आप किसी तरह का कोई भी सर्किट नहीं बना सकेंगे |

इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बनाने के लिए बहुत सारे कॉन्पोनेंट की जरूरत पड़ती है और यह उस सर्किट के ऊपर निर्भर करता है | कि उसमें कितने तरह के कंपोनेंट लगेंगे जैसे कि रजिस्टर कैपेसिटर LED ट्रांजिस्टर डायोड इत्यादि और इनके अलावा कुछ Equipment भी होते हैं जैसे की पावर सप्लाई सिग्नल जनरेटर मल्टीमीटर इत्यादि |तो इन सभी के बारे में जानकारी लें उसके बाद ही आप इलेक्ट्रॉनिक सर्किट बना सकेंगे | तो आज की इस पोस्ट में आपको इलेक्ट्रॉनिक के Basic Electronic Components और Equipment के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी |

इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट को वैसे तो कुछ श्रेणियों में बांटा गया है

१-Active Electronic Components

२-assive Electronic Components

३- Electromechanical Components 

लेकिन हम यहां पर आपको एक एक करके सभी कंपोनेंट को अलग अलग बताएंगे ताकि आपको हर एक कॉन्पोनेंट की जानकारी हो सके और उसके बारे में आप ज्यादा अच्छे से जान सके |

Integrated Circuits (ICs)

इंटीग्रेटेड सर्किट एक सिंगल डिवाइस या Chip है जो कि Semiconductor Material से बनी होती है और ज्यादातर इसके लिए सिलिकॉन का इस्तेमाल किया जाता है इस इंटीग्रेटेड सर्किट का इस्तेमाल लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में किया जाता है जैसे कि टीवी रेडियो मोबाइल फोन लैपटॉप राउटर मॉडम इत्यादि इंटीग्रेटेड सर्किट भी दो श्रेणियों में बांटे गए हैं एनालॉग इंटीग्रेटेड सर्किट और डिजिटल इंटीग्रेटेड सर्किट

Microcontroller

आधुनिक शब्दावली मैं माइक्रोकंट्रोलर एक छोटा सा कंप्यूटर है जो कि एक इंटीग्रेटेड सर्किट से बनाया जाता है  माइक्रोकंट्रोलर मे हमें RAM, CPU, Input / Output इत्यादि देखने को मिलते हैं यह एक Programmable कॉन्पोनेंट है जिसे एक छोटे कंप्यूटर के रूप में बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक के उपकरण में इस्तेमाल किया जा सकता है

Resistors

प्रतिरोधक (Resistor) एक इलेक्ट्रिकल कॉन्पोनेंट होता है जैसे कि दूसरे डायोड,कैपेसिटर इत्यादि होते हैं.और इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में प्रतिरोधक का इस्तेमाल करंट के बहाव को रोकने के लिए या उसे कम करने के लिए किया जाता है. रजिस्टर कई प्रकार के होते हैं इनके काम करने के आधार पर इन को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाता है

मुख्यतः यह 2 प्रकार की होते हैं

1-Fixed Resistor 

2-Variable Resistor

Diodes

डायोड एक Non-Linear सेमीकंडक्टर डिवाइस है क्योंकि करंट को सिर्फ एक दिशा में जाने देती है  डायोड के दो टर्मिनल होते हैं जिंहें एनोड और कैथोड कहा जाता है  नीचे आपको इसका इलेक्ट्रिक सिंबल दिया गया है

एक सामान्य PN Diodes को AC सप्लाई को DC मे बदलने वाले सर्किट में इस्तेमाल किया जाता है. और आपने LED लाइट एमिटिंग डायोड के बारे में तो जरुर सुना होगा. जो कि एक सेमीकंडक्टर डिवाइस है और एक्टिवेट होने के बाद में लाइट छोड़ती है.

Zener Diode और जेनर डायोड वैसे तो एक साधारण डायोड की तरह है लेकिन यह वोल्टेज स्टेबलाइजर का काम करते है

Capacitors

कैपिसिटर एक इलेक्ट्रॉनिक कॉन्पोनेंट है जो कि लगभग सभी सर्किट में इसका इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि हर रेडियो टेलीविज़न इत्यादि| Capacitors में इलेक्ट्रिक चार्ज स्टोर हो जाता है| कैपेसिटर दो कंडक्टर सामान्यतः दो प्लेटों से बना होता है| और इन दोनों प्लेटों के बीच में डाई इलेक्ट्रिक मटीरियल लगाया जाता है जिससे यह अलग हो जाते हैं.जब कैपेसिटर को किसी पावर सोर्स के साथ में जोड़ दिया जाता है तो यह इलेक्ट्रिक चार्ज को स्टोर कर लेता है| और इसके अंदर लगी दोनों प्लेट यह चार्ज स्टोर करने का काम करती है जिसमें से एक प्लेट पर पॉजिटिव चार्ज होता है और दूसरी पर नेगेटिव चार्ज होता है |इसके बारे में ज्यादा जानकारी हमारे एक और पोस्ट में दी गई है जिसका लिंक नीचे दिया गया है|


1 वोल्ट के वोल्टेज पर कैपेसिटर के अंदर चार्ज होने वाले इलेक्ट्रिक चार्ज की Amount को Capacitance कहते हैं| कैपेसिटेंस को मापने की इकाई Farad (F) है.कैपेसिटर के अंदर लगी प्लेट की संख्या को बढ़ाकर इसका Capacitance भी बढ़ाया जा सकता है

                               Inductors.                              

जैसे कि कैपेसिटर इलेक्ट्रिक फील्ड को Energy के रूप में स्टोर करता है| उसी तरह Inductors Magnetic Field को Energy के रूप में स्टोर करता है. इंडक्टर एक तार होता है जो कि Coil के रूप में बनाया गया होता है. इसका इस्तेमाल AC इक्यूपमेंट जैसे कि Filters, Chokes, Tuned Circuits इत्यादि में किया जाता है|

Switches

किसी भी सर्किट को शुरू और बंद या यूं कहें कि ऑन या ऑफ करने के लिए हम स्विच का इस्तेमाल करते हैं. Switches कई प्रकार के होते हैं इनके कार्य के आधार पर इन अलग-अलग श्रेणियों में रखा चाहता है. कुछ स्विच एनालॉग होते हैं और कुछ स्विच डिजिटल होते हैं. आपको घरों में आमतौर पर एक साधारण स्विच देखने को मिलता है|

DC Power Supply

DC Power Supply इलेक्ट्रॉनिक के सर्किट के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है. ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स और सर्किट डीसी पावर सप्लाई से चलते हैं इसीलिए डीसी पावर सप्लाई का बहुत ज्यादा महत्व होता है. इलेक्ट्रॉनिक के ऐसे बहुत सारे उपकरण है जो कि डीसी सप्लाई देते हैं जैसे की AC – To – DC Power Supplies, Linear Regulators, Switching Mode Power Supply इत्यादि|



इलेक्ट्रॉनिक सर्किट में डीसी पावर सप्लाई 5V से 12V इस्तेमाल होती है. क्योंकि लगभग सभी कॉन्पोनेंट इसी रेंज के ऊपर काम करते हैं|

Batteries

बैटरी एक ऐसी डिवाइस है जो कि केमिकल ऊर्जा को इलेक्ट्रिकल ऊर्जा में बदल देती है और बैटरी का इस्तेमाल मोबाइल फोन लैपटॉप घड़ी इत्यादि में किया जाता है. इसके अलावा और भी कई टेस्टिंग उपकरण में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है| आपने अक्सर घड़ियों में देखा हुआ कि उसके अंदर हम सेल का इस्तेमाल करते हैं जो कि 1.5v सप्लाई देता है और यही सेल हम टीवी के रिमोट में इस्तेमाल करते हैं. जहां पर हम दो Cell लगा कर 3v की सप्लाई हमारे टीवी के रिमोट को देते हैं|

बैटरियों को इनके वोल्टेज के आधार पर अलग अलग श्रेणियों में बांटा गया है जैसा कि आप ऊपर फोटो में देख सकते हैं यहां पर हमने तीन प्रकार की बैटरी दिखाई है जिसमें से एक 9 वोल्ट की है, एक 1.5 वोल्ट की है और एक 12 वोल्ट की है. इनका इस्तेमाल इनकी वोल्टेज के आधार पर किया जाता है|

Display Devices

इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की बात करें तो बहुत सारे उपकरण में डिस्प्ले का इस्तेमाल किया जाता है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में मुख्यतः दो प्रकार की डिस्प्ले का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है|

16 X 2 LCD

यह डिस्प्ले आपको कैलकुलेटर जैसी डिवाइस में में देखने को मिलेगी. यह एक Alpha – Numeric डिस्प्ले है जिसके अंदर दो Rows और 16 Columns होते हैं और इस डिस्प्ले पर ज्यादा से ज्यादा 32 अक्षर दिखा सकते हैं|

7 – Segment Display

यह डिस्प्ले भी आपको बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में देखने को मिलेगी जैसे की घड़ी, Information Systems इत्यादि. इस डिस्प्ले का इस्तेमाल वहां पर किया जाता है जहां पर हमें नंबर की जरूरत पड़ती है| या अल्फाबेट जरूरत पड़ती है|

Multimeter

वोल्टेज करंट और रेजिस्टेंस मापने के लिए पहले Voltmeter, Ammeter और Ohmmeter का इस्तेमाल किया जाता था लेकिन उसके बाद में इसे एक बनाकर इसका नाम मल्टीमीटर रख दिया गया और इसके अंदर आप वोल्टेज करंट रेजिस्टेंस बड़ी आसानी से माप सकते हैं लेकिन आजकल और भी एडवांस मल्टीमीटर आ गए हैं जिनके अंदर आप ट्रांजिस्टर को भी चेक कर सकते हैं|

मल्टीमीटर AC और DC दोनों सप्लाई को माप सकता है और आज मल्टीमीटर दो प्रकार के होते हैं डिजिटल और एनालॉग लेकिन आज के समय में डिजिटल मल्टीमीटर का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है क्योंकि यह किसी भी कॉन्पोनेंट को बहुत अच्छे से माप सकता है 

इसके अलावा और भी बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट है लेकिन जो महत्वपूर्ण और सबसे ज्यादा इस्तेमाल होते हैं वह कॉन्पोनेंट हमने यहां पर आपको बता दिए हैं  यहां पर आपको Resistor, Capacitor, Microcontroller, Inductor, Transformer, Battery, Fuse, Diode/LED (Light Emitting Diode),Transistors, Integrated Circuit, Relays, Switches, Motors, Circuit Breakers के बारे में बताया गया है अगर इसके अलावा आप किसी और कंपोनेंट के बारे में जानना चाहते हैं तो comment करके बताये|

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